संस्था के अधिकारियों की शक्तियाँ एवं कर्त्तव्य

लोकायुक्त की शक्तियॉं

राजस्थान लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1973 की धारा 7 के अन्तर्गत लोकायुक्त को कतिपय मामलों में मंत्रियों तथा लोक सेवकों के विरूद्ध आरोपित अभिकथनों का अन्वेषण करने की अधिकारिता दी गई है। ये अभिकथन -

  • लोक सेवकों द्वारा किसी को अनुचित हानि या कष्ट पहुंचाने,
  • अपने या अन्य किसी व्यक्ति के लिए अवैध लाभ प्राप्त करने हेतु लोकसेवक के रूप में अपनी पदीय स्थिति का दुरूपयोग करने,
  • अपने कृत्यों का निर्वहन करने में व्यक्तिगत हित या भ्रष्ट अथवा अनुचित हेतुओं से प्रेरित होने,
  • लोकसेवक की हैसियत में भ्रष्टाचार या सच्चरित्रता की कमी का दोषी होने से संबंधित हो सकते हैं।

           अधिनियम की धारा 2(i) में दी गई लोक सेवक की परिभाषा के अनुसार लोकायुक्त को निम्न के विरूद्ध अन्वेषण करने की अधिकारिता हैः-

 (i)   राजस्थान राज्य की मंत्रिपरिषद का कोई सदस्य (मुख्य मंत्री के अतिरिक्त), जो चाहे किसी भी नाम से ज्ञात हो, अर्थात् मंत्री, राज्य मंत्री  या  उप-मंत्री,

 (ii)  राजस्थान राज्य के कार्यकलापों के सम्बन्ध में किसी लोक सेवा में या लोक पद पर नियुक्त व्यक्ति,

 (iii)   (a) जिला परिषद का प्रत्येक प्रमुख और उप-प्रमुख, पंचायत समिति का प्रधान तथा उप-प्रधान और राजस्थान पंचायती राज अधिनियम के अधीन या उसके द्वारा गठित किसी भी स्थायी समिति का अध्यक्ष,

          (b) नगर निगम का प्रत्येक महापौर और उप-महापौर, नगरपालिका/परिषद का प्रत्येक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, नगरपालिका बोर्ड का अध्यक्ष, और उपाध्यक्ष तथा राजस्थान नगरपालिका अधिनियम के अधीन गठित किसी समिति का अध्यक्ष,

 (iv)  प्रत्येक वह व्यक्ति, जो निम्नलिखित की सेवा में है या उनका वेतन भोगी है, अर्थात्ः-
          (a) राजस्थान राज्य में कोई भी स्थानीय प्राधिकरण, जिसे राज पत्र में राज्य सरकार द्वारा, इस निमित्त अधिसूचित किया जाये,

          (b) किसी राज्य अधिनियम के अधीन या द्वारा स्थापित और राज्य सरकार के स्वामित्वाधीन या उसके द्वारा नियंत्रित कोई भी निगम (जो स्थानीय प्राधिकरण न हो),

          (c) कम्पनी अधिनियम की धारा 617 के अर्थान्तर्गत कोई भी सरकारी कम्पनी, जिसमें समादत्त अंशपूंजी का इक्यावन प्रतिशत से अन्यून राज्य सरकार द्वारा धारित है या कोई भी कम्पनी जो किसी भी ऐसी कम्पनी की सहायक है जिसमें समादत्त अंशपूंजी का इक्यावन प्रतिशत से अन्यून राज्य सरकार द्वारा धारित है,

          (d) राजस्थान सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकृत कोई भी सोसाइटी, जो राज्य सरकार के नियंत्रण के अधीन है और जिसे राजपत्र में उस सरकार द्वारा इस निमित्त अधिसूचित किया गया है।

 

संस्था के अधिकारियों की शक्तियाँ एवं कर्त्तव्य -

लोकायुक्त संस्था में पदस्थापित अधिकारियों की शक्तियाँ एवं कर्त्तव्य निम्न प्रकार से हैं -

 

सचिव

शक्तियाँ विभागाध्यक्ष की हैसियत से राजस्थान सेवा नियमों, जी.एफ.एण्ड ए.आर., बजट मेन्युअल, टी.ए. व सी.सी.ए. रुल्स के अधीन प्रदत्त समस्त शक्तियाँ
कर्त्तव्य राजस्थान लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1973 के प्रावधानों व उसके अन्तर्गत बने राजस्थान लोकायुक्त एवं उप-लोकायुक्त (कार्यवाहियाँ) नियम, 1974 के द्वारा प्रदत्त और माननीय लोकायुक्त महोदय द्वारा निर्देशित समस्त कार्य निष्पादित करना.

 

उप सचिव

शक्तियाँ कार्यालयाध्यक्ष की हैसियत से राजस्थान सेवा नियमों, जी.एफ.एण्ड ए.आर., बजट मेन्युअल, टी.ए. व सी.सी.ए. रुल्स के अधीन प्रदत्त समस्त शक्तियाँ
कर्त्तव्य राजस्थान लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1973 के प्रावधानों व उसके अन्तर्गत बने राजस्थान लोकायुक्त एवं उप-लोकायुक्त (कार्यवाहियाँ) नियम, 1974 के द्वारा प्रदत्त और माननीय लोकायुक्त महोदय द्वारा निर्देशित समस्त कार्य निष्पादित करना.

 

 

सहायक सचिव 

शक्तियाँ विभागाध्यक्ष एवं कार्यालयाध्यक्ष द्वारा निर्देशित संस्थापन कार्य.
कर्त्तव्य राजस्थान लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1973 के प्रावधानों व उसके अन्तर्गत बने राजस्थान लोकायुक्त एवं उप-लोकायुक्त (कार्यवाहियाँ) नियम, 1974 के द्वारा प्रदत्त और माननीय लोकायुक्त महोदय द्वारा निर्देशित समस्त कार्य निष्पादित करना.

 

अनुभाग अधिकारी (संस्थापन)

शक्तियाँ विभागाध्यक्ष एवं कार्यालयाध्यक्ष द्वारा निर्देशित संस्थापन कार्य और धूम्रपान का प्रतिषेध नियमावली, 2008 के नियम 3(2) के अधीन अपराधों का प्रशमन और कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (निवारण, निषेध एवं निदान) अधिनियम, 2013 की धारा 4(1) के अधीन गठित समिति के सदस्य का कार्य.
कर्त्तव्य राजस्थान लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1973 के प्रावधानों व उसके अन्तर्गत बने राजस्थान लोकायुक्त एवं उप-लोकायुक्त (कार्यवाहियाँ) नियम, 1974 के द्वारा प्रदत्त और माननीय लोकायुक्त महोदय द्वारा निर्देशित समस्त कार्य निष्पादित करना.

 

अनुभाग अधिकारी (गण)

कर्त्तव्य राजस्थान लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1973 के प्रावधानों व उसके अन्तर्गत बने राजस्थान लोकायुक्त एवं उप-लोकायुक्त (कार्यवाहियाँ) नियम, 1974 के द्वारा प्रदत्त और माननीय लोकायुक्त महोदय द्वारा निर्देशित समस्त कार्य निष्पादित करना.

 

सहायक अनुभाग अधिकारी (गण)

कर्त्तव्य राजस्थान लोकायुक्त तथा उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1973 के प्रावधानों व उसके अन्तर्गत बने राजस्थान लोकायुक्त एवं उप-लोकायुक्त (कार्यवाहियाँ) नियम, 1974 के द्वारा प्रदत्त और माननीय लोकायुक्त महोदय द्वारा निर्देशित समस्त कार्य निष्पादित करना.
  • माननीय न्‍यायमूर्ति श्री प्रताप कृष्‍ण लोहरा

    लोकायुक्त, राजस्थान